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Bhojpuri: भोजपुरी गीतन में लता मंगेशकर के गावल गाना से भोजपुरिया समाज आजो झूमेला

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Bhojpuri: भोजपुरी गीतन में लता मंगेशकर के गावल गाना से भोजपुरिया समाज आजो झूमेला

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ई गाना भोजपुरिया लोगन के हर जबान प रहत रहे. आs ई गावल रहे परम् आदरणीय भारतरत्न लता मंगेशकर जी के ,जे आज हमनीं के बीच नइखीं.

लता जी के भोजपुरी भासा से भी बहुते लगाव रहे. नासिर हुसैन ई फिलिम के निर्माता रहीं, लताजी ऊहां के कहला प भोजपुरी ख़ातिर भी गईले बानी. उनका बिहार आs यूपी से बरियार नाता रहे. लता मंगेशकर जी, पहिलाका भोजपुरी फिलिम ‘गंगा मैया तोहे पियरी चढ़इबो’ के टाइटल सॉंग गईले रहीं. 1963 में रिलीज भईल ई सिनेमा के गाना भोजपुरिया समाज में एगो उदाहरण के रूप में इयाद कईल जाला. ई फिल्‍म के बारे में एगो दिलचस्‍प तथ्‍य ई बा, कि ई गाना के ओह घरि के राष्‍ट्रपति डा. राजेंद्र प्रसाद के फरमाइश पs बनावल गईल रहे. ओह घरी भोजपुरी के जवन जवन गाना गावल गईल रहे, ऊ सब गाना आज के भोजपुरिया गावे वाला गायकन प बहुते भारी बा. ‘मील के पत्थर’ बनल ई सब गाना में लता जी के साथे ऊहां के छोट बहिन उषा मंगेशकर भी आपन आवाज देले रहीं. लता दीदी, केवल हिंदी आs मराठी गाना के कारण ही ना जानल जाई ना, बल्कि ऊहां के गावल सुपरहिट भोजपुरी गानन के लमहर फेहरि‍श्‍त भी बा.

‘गंगा मइया तोहे पियरी चढ़इबो’ फिलिम के गाना ‘मारे करेजवा में तीर’ भी खूबे सुनल जा ला। ये ई दुनों गाना लता जी ,आपन छोट बहिन उषा के साथे गईले रहीं. एह फिलिम के सब गाना सुपर हिट रहल बा. भोजपुरी के असली रसिक आज भी ऊहां के गावल गाना के गावत रहे ला आs सुनत रहे लाs.

लाली लाली होठवा से , बरसे ला ललईया हो कि रस चुएला’ लता जी गावल ई गाना फ‍िल्‍म, लागी नाही छूटे राम के ह. भोजपुरिया समाज में बियाह-शादी होखे, चाहे कवनो सांस्कृतिक कार्यक्रम होखे, ओकरा में लेडिस (लेडिज) लोगन के नाच जरूर रहत रहल बा. अइसे में जब लताजी के ई गाना सबके सामने आईल त मिजाज आऊर हरियर कs देलस.

लाली लाली होठवा से , बरसे ला ललईया हो
की रस चुएला , की जइसे अमवा के मोजरा
से रस चुएला ,हो कि रस चुएला,
लागे वाली बतियाँ न बोल मोरे राजा हो करेजा छुएला
तोरि मीठी-मीठी बोलिया करेजा छुएला
हो करेजा छुएला…
तलत जी आ लताजी के गावल ई बहुते मशहूर
भोजपुर गीत ह ,जवन सुन के आजो भोजपुरिया समाज हिल जाला.

ई गाना त जम के नाचे वाली से डिमांड में हो गइल रहे. लता जी के ई गाना आजो ओतने चाव से सुनल जाला ,जेतना तब सुनल जात रहे. ‘लुक छिप बदरा में’ (फ‍िल्‍म- गंगा मइया तोहे पियरी चढ़इबो) ‘जा जा रे सुगना जा रे, कही दे सजनवा से’ (फ‍िल्‍म – लागी नाही छूटे राम) ई सब गाना भी सुपर हिट रहल बा, भोजपुरिया सुने वाला लोगन के बीच लता जी के गाना गावे के होड़ लाग जात रहे.

भोजपुरी सिनेमा इंडस्‍ट्री के बाजार तब बहुते छोट रहे , तकनीकी रूप से आज जइसन बरियार ना रहे इंडस्टी, बाकि तबो एकर पहचान सी ग्रेड वाला ना रहे. भोजपुरिया समाज मे ,आपन परिवार, गोतिया देयादन के बीचे बईठ के आज के भोजपुरियन गानन के ना सुनल जा सके, आज के 99 फीसदी भोजपुरी गाना अश्लील गाना बन गईल बा. समाज के एक बड़ा तबका बा जे मानत बा कि ओह दौर में लता जी आs आऊर गायक लोगन के गावल भोजपुरी गाना, आज के भोजपुरिया गावे वाला लोगन प बीस पड़ रहल बा. एगो लम्बा अंतराल हो गइल बा जब कवनो हिंदी स्टार गायक भोजपुरी सिनेमा और भोजपुरी गीत के गईले होखस. लताजी के अंतिम भोजपुरी फिल्मन में गावल गाना फिलिम ‘दुल्‍हा अइसन चाही’ में ‘रीतिया प‍िरित‍िया के खेल’ गाना गईले रहीं. ई गाना लता मंगेशकर जी के अंतिम गाना रहे, ईहे सब गाना बा जेकरा से नवका गायक आs संगीतकार लोगन के लता जी सीखे के चाहीं कि गाना कवनो भाषा के होखो, मगर साफ, सुथरा होखे के चाहीं जवन घर परिवार, सर-समाज मे आदमी सुन सके गुन – गुना सके. आज लता जी भले नइखीं ,प ऊहां के गावल गाना , भोजपुरिया समाज के हर तबका भीरी चहुँप रहल बा.

(संजय साश्वत वरिष्ठ पत्रकार हैं, आलेख में लिखे विचार उनके निजी हैं.)

Tags: Bhojpuri, Bhojpuri News, Lata Mangeshkar, Lata Mangeshkar Songs

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