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बहुत से लोग ई फिल्म के देखला के बाद लोग सिनेमाहाल में आपन आँसू, दर्द आ रोआई नइखे रोक पावत. कश्मीरी हिन्दू के साथे हेतना कुछ भइल आ आज ले लोग के पता नइखे. कहल जाता कि ओह समय के सरकार, मीडिया आ बुद्धिजीवी एह सब पर आसानी से लीपा-पोती कर देहलें अउरी कुछ ना भइल. अपने देश में, आपन धरती छोड़ के दोसरा जगह जा के शरणार्थी बने के पड़ल अउरी केहू कुछ ना कइल. हमनी रउआ उ दर्द नइखी बुझ सकत जवन एगो कश्मीरी पंडित सहले होई. जब ओकरा सामने आपन भाई बंधु के बर्बरता से हत्या भइल होई, जब ओकरा सामने ओकरा माई बहिन के दुराचार के पीड़ा झेले के पड़ल. ओ दर्द के कल्पना करते हमार हाड़ ले कांप जाता.
ई फिल्म, निर्देशक विवेक अग्निहोत्री 2019 में अनाउन्स कइलें. एकर तइयारी उ पिछला कई साल से करत रहलें. उनकर कहल बा कि एह पर लमहर रिसर्च चलल. 1989 से लेके 90 के दशक में भइल कश्मीर के असली निवासी कश्मीरी हिन्दू के ऊपर अत्याचार आ कश्मीरी पंडितन पर अत्याचार पर उनके एगो टीम लगातार तथ्य जुटावत रहल. 90 के हिंसापूर्ण पलायन के बाद आपन जान बचाके भागल कश्मीरी पंडित सगरी इहाँ-उहाँ जाके शरण लेहलें. वीडियो इंटरव्यू लेके अधिकतर कश्मीरी पंडितन के कहानी उ रिकॉर्ड कइलें आ फेर पब्लिक डोमेन में फइलल सगरो तथ्य आ जानकारी के इकट्ठा कइल लोग. कई साल के मेहनत के बाद ई फिल्म बनल. हालांकि फिल्म के शूटिंग में 30 से 40 दिन ही लागल. फिल्म के अधिकांश हिस्सा मसूरी, देहरादून में शूट भइल. एक सप्ताह के शूटिंग कश्मीर में भी भइल, डल लेक अउरी आस-पास के जगह पर.
द कश्मीर फाइल्स के बुनावट, रंग संयोजन, कथा नैरेशन, एह दौर से ओकर प्रासंगिकता आ सगरो अभिनेता लोग के अद्भुत अभिनय कौशल भी एह फिल्म के यूएसपी बा. निर्देशक आ लेखक विवेक अग्निहोत्री के फिल्मकारी के जेतने प्रशंसा कइल जाव, कम बा. द कश्मीर फाइल्स एगो मास्टरपीस बा अउरी विवेक जी मास्टरमाइंड! अनुपम खेर, मिथुन दा, पल्लवी जोशी, चिन्मय मांडलेकर, दर्शन कुमार, पुनीत इस्सर…सभे अइसन कौशल देखवले बा कि रउआ लागि कि सब रउआ आँखिन के सामने होता.
द कश्मीर फाइल्स बनल 14 करोड़ के कुल लागत से. एकर कवनो भी बड़ प्लेटफ़ॉर्म पर प्रमोशन ना भइल. कवनो भी बड़ टीवी शो एकरा ओर ध्यान ना देहलस. केहू भी बड़ स्टार एकरा बारे में बातो करे से कतराइल. उल्टा बहुत लोग त ई फिल्म के रोके खातिर आपन पूरा जोर लगा लेहलस. फिल्म कोरोना के चलते 15 अगस्त 2020 से टलत एह साल 11 मार्च 2022 के रिलीज भइल. पहिला शो से भीड़ लागल चालू हो गइल. जब रिलीज भइल त 630 के लगभग स्क्रीन मिलल रहे. कुछ लोग डिस्ट्रिब्यूटर के प्रभावित करके उहो कम करे चाहत रहे. आ देखीं ना, एक दिन में अइसन जादू भइल कि अगिले दिने स्क्रीन के संख्या 2000 के लगभग हो गइल अउरी उ बढ़त बढ़त अब 4000 से ऊपर हो गइल बा. विदेशन में ई फिल्म 100 से भी कम स्क्रीन पर रिलीज भइल, बाकिर उहाँ भी जब फिल्म ब्लॉकबस्टर होखे लागल त आलम ई बा कि सब बड़ देशन में जहां भारतीय लोग के संख्या ढेर बा, उहाँ ई फिल्म दू सप्ताह से हाउसफुल चलत बिया आ स्क्रीन के आंकड़ा 600 के ऊपर पहुँच गइल बा.
ई फिल्म भारत में आज 200 करोड़ के आंकड़ा पार कर गइल. फिल्म अपना दूसरा सप्ताह में अइसन कलेक्शन कइले बिया जवन हिन्दी फिल्मन खातिर ऐतिहासिक बा. पहिला दिन के कॉलेक्शन जहां 3.55 करोड़ रहे उ लगातार दू डिजिट के कमाई करत दूसरा सप्ताह के शुक्रवार के 19.15 करोड़, शनिवार के 24.80 करोड़, रविवार के 26.20 करोड़, सोमवार 12.40, मंगलवार 10.25 आ बुधवार के 10.03 करोड़ के धमाकेदार कॉलेक्शन कइले बा. ई फिल्म लगातार हाउसफुल चल रहल बा अउरी आवे वाला सप्ताह में भी ई रुकी ना. हालांकि एकरा सामने एह शुक्रवार से विशाल फिल्म आर आर आर रिलीज हो रहल बा, जवन बाहुबली फ़ेम राजामौली के बनावल ह अउरी साउथ के दू गो बड़ स्टार राम चरण आ जूनियर एनटीआर बाड़ें. अजय देवगन आ आलिया भी एह फिल्म में बा लोग. ट्रेड पंडित लोग के कहनाम बा कि एह फिल्म के चलते हिन्दी पट्टी में आर आर आर के कलेक्शन से गिरावट जरूर आई. जइसे पिछला हफ्ता रिलीज फिल्म बच्चन पांडे बुरी तरह से पिट गइल बिया. फिल्म के बजट 165 करोड़ बा अउरी ओकर लाइफटाइम कलेक्शन 50 से 55 करोड़ रहे के उम्मीद बा. द कश्मीर फाइल्स के लेके जनता में जवन जोश आइल बा, ओकरा हिसाब से ई फिल्म के लाइफ टाइम कॉलेक्शन 300 करोड़ के आंकड़ा छू जाई.
एह फिल्म के लेके खूब विवाद भी हो रहल बा. पहिला दिन से कॉंग्रेस कश्मीरी पंडितन के नरसंहार आ पलायन के ठीकरा भाजपा सरकार पर फोड़े के कोशिश कर रहल बा. दूसरा ओर सगरो विपक्षी पार्टी आपन आपन जोर आजमाइश में लागल बाड़ी. भाजपा पार्टी के अधिकांश लोग एह फिल्म के समर्थन में आ रहल बा. हालांकि ई सब राजनीति के बात ह, लोग एक दूसरा के ऊपर काँदो फेंका-फेंकी करबे करी. बाकिर एह सब में जान-माल के जवन नुकसान भइल, 32 साल से झेलत आ रहल कश्मीरियन के दर्द के ऊपर मरहम के लगाई. सभे आपन पल्ला झाड़े में लागल बा. भाई, फिल्म में बतावल एगो तथ्य से लोग अब जाके अवगत हो रहल बा कि कश्मीरी पंडितन के एक बार ना, सात बार अइसन पलायन हो चुकल बा जवन इतिहास के गलियारा में गुम हो गइल बा. बाकी बुद्धिजीवी इतिहासकार आ पत्रकार लोग एकरा के नीचे दबा के ऊपर मस्त कुर्सी लगाके बइठल बा लोग. ई फिल्म ओही इतिहास के एगो करिया सच खींच के बाहर निकलले बा त सभ के कुर्सी डोल गइल बा आ हाथ छाती पर आ गइल बा.
सब सच धीरे-धीरे बाहर आएगा, हम देखेंगे…
रउआ जदी ई फिल्म अभी ले नइखीं देखले त जरूर जाके देखीं, मानवता खातिर ही सही लेकिन देखीं जरूर!
(लेखक मनोज भावुक सिनेमा, साहित्य और संगीत के जानकार हैं.)
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