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एक आदमी अपना जीवन में बहुत किरदार निभावेला. बचपन से लेके बुढ़ापा ले ओकरा कई गो भूमिका में रहे के पड़ेला. बाकिर अक्सरहा उ आपन करियर कवनो एगो क्षेत्र में ही बनवेला. कुछ लोग बहुमुखी होला त अपना करियर से जुड़ल कवनो दोसर कार्य भी शौखिया रूप में कर लेला. बाकिर अइसन कमे लोग होला जे समय समय पर आपन करियर बदलत रहेला अउरी सब में सफल होत रहेला, आगे बढ़त जाला. हमरा अइसन व्यक्ति के रूप में लियानार्डो द विंची इयाद आवेलें. उ पेंटर रहलें, लेखक, वैज्ञानिक, इंजीनियर, वनस्पति शास्त्री, पुरातनशास्त्री अउरी ना जाने का का रहलें. आ सबमें उ सफल रहलें. आज असहीं एगो आदमी के जन्मदिन ह. जे एतना कुछ त ना ह बाकिर अपना हिसाब से कई गो करियर में सफलता के झण्डा गड़ले बा.
मनोज तिवारी देश के एगो जानल मानल हस्ती हवें. भोजपुरिया समाज आ भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री से भारत आ भारत से बाहर विश्व में आपन अउरी अपना कला के लोहा मनवावे वाला मनोज तिवारी आज आपन 51वां जन्मदिन मनावत बाड़ें. उ एगो लोकप्रिय लोक गायक, स्टार अभिनेता, उच्च कोटि के क्रिकेटर, सफल राजनेता के भूमिका निभा रहल बाड़ें.
मनोज के जनम कैमूर (बिहार) के भभुआ के अतरवलिया गांव में 1 फरवरी 1971 के भइल. उ चार भाई में तीसरा नम्बर के हउवें. बचपने में उनका पिता के देहांत हो गइल. उनके पिता जी शास्त्रीय संगीत के गायक रहलें. मनोज तिवारी के ऊपर उनके पिता के बहुत स्नेह रहे अउरी उनके गइला के बाद मनोज के ऊपर एकर गहिरा असर भइल अउरी ऊ भीतरे-भीतर अकेले हो गइलें. ओही अकेलापन से लड़े खातिर उनके झुकाव संगीत के प्रति बढ़ गइल. ई एक तरह से उनके पिता के याद से जुड़े के कोशिश भी हो सकेला. उ खुद से बांसुरी बजावे के सीखलें. फेर जब पहिला गीत उनका बांसुरी से गूंजल, तवन रहे मोहम्मद रफी के तत्वज्ञान बतावे वाला निर्गुण ‘जल्दी जल्दी चल रे कहंरा….सूरज डूबे रे नदिया.’
बनारस में संगीत से परास्नातक कर लेला के बाद मनोज तिवारी गायकी में आपन किस्मत आजमावे लगलें. ऊ नोएडा स्थित टी-सीरिज के ऑफिस में कई साल आपन एल्बम के रिलीज करावे खातिर चक्कर लगवलें बाकिर कुछू भइल ना. एक बार वैष्णो देवी से लवटत बेरा ऊ असहीं टी-सीरिज ऑफिस चल गइलें. ओहिजा के अधिकारी इनके पहचान गइल रहलें. मनोज उनसे कहलें कि हम एगो नया कैसेट लेके आइल बानी – मैया के गीत के. गुलशन कुमार तब बरामदा में खड़ा रहलें. मनोज जाके पांव छुवलें आ आपन नाम बतवलें. गुलशन कुमार उनका एल्बम के पहिला गाना ‘निमिया के डाढ़’ सुनत मन्त्र मुग्ध हो गइलें. एह तरे टी-सीरिज से 1996 में उनकर पहिला एल्बम रिलीज भइल. ओकरा बाद मनोज तिवारी भोजपुरी एल्बम के दुनिया के बादशाह बन गइलें. उनके गीत ‘बगल वाली जान मारेली’, ‘चट देनी मार देलें रिन्किया के पापा’, ‘ऊपर वाली के चक्कर में’, ‘बेबी बियर पी के’ आदि एतना हिट भइल कि मनोज घर घर ले पहुँच गइलें. फेर उ सामाजिक विषयन पर भी गीत ‘जातिवाद के जहर फइलल’, ‘पूरब के बेटा’, ‘नौकरी ना मिलल’, ‘एमे में लेके एडमिशन, कम्पटीशन देता’ जइसन हिट गीत भी दिहलें.
नायक बनके मनोज आवे वाला पीढ़ी के लोकगायकन के गोटी सेट कर देहले
भोजपुरी फिल्मन के शुरुआत 60 के दशक में भइल ओकरा बाद से सब सफल हीरो खालिस अभिनेता रहलें जे अभिनय कला में ही पारंगत रहलें. कुछ एक लोक गायक लोग अभिनय में हाथ अजमवले रहे बाकिर सफल ना भइल रहे. मनोज तिवारी के सितारा बुलंदी पर रहे तबे उनके 2003 के फिलिम ‘कन्यादान’ खातिर ‘हीरो होंडा खोजतिया’ गीत गावे आ कैमियो करे के मौका मिलल. ओकरा बाद निर्माता सुधाकर पाण्डेय उनके एगो फिलिम में लीड रोल करे के ऑफर देहलें. मनोज उ फिल्म कइलें. उनके ई डेब्यू फिलिम के नाम रहे ‘ससुरा बड़ा पइसावाला’. ई फिल्म मृतप्राय भोजपुरी सिनेमा उद्योग के जिया देहलस. उनकर फिलिम महज 29 लाख के लागत में बनल आ लगभग 34 करोड़ के कमाई कइलस. ई 11 गो शहर में 50 सप्ताह तक सिनेमाघर से उतरबे ना कइलस. एह फिलिम के बाद भोजपुरी सिनेमा के एगो बड़ दर्शक-समूह बन गइल आ भोजपुरी फिल्मन के बाढ़ आ गइल.
उनकर उल्लेखनीय फिलिम-ससुरा बड़ा पइसावाला, दरोगा बाबू आई लव यू, दामाद जी, रणभूमि, गंगा, गंगा जमुना सरस्वती, धरती कहे पुकार के, भोजपुरिया डॉन, ठेला नंबर 501, देवा, धरतीपुत्र, भोले शंकर, देहाती बाबू, देवरा भइल दिवाना, ए भउजी के सिस्टर आदि बा.
मनोज तिवारी से हमार संपर्क लगभग दू दशक पुरान बा. कई बार प्रिंट आ टीवी खातिर उनकर इंटरव्यू कइनी. जब गायक रहलें तबो, जब हीरो बनलें तबो आ जब सांसद बनलें तबो. सीसीएल खेललें तबो. ई जुड़ाव आ कनेक्शन भोजपुरी आ भोजपुरीपन के रहे आ रही. उ आलोचना आ प्रशंसा सबके समान भाव से स्वीकार कइले.
हाँ त हम बतावत रहनी ह कि मनोज तिवारी के हिट भइला के बाद लोकगायकन के फिल्मन में हीरो बन के आवे के सिलसिला ही शुरू हो गइल. सुनील छैला बिहारी, दिनेश लाल यादव निरहुआ, पवन सिंह, अरविन्द अकेला कल्लू, खेसारी लाल यादव, रितेश पाण्डेय, प्रमोद प्रेमी आदि एगो बड़हन फेहरिस्त बा ओ लोक गायकन के, जवन भोजपुरी में गीत गावत गावत नायक बन गइलें आ सफल भी हो गइलें. अब त भोजपुरी में ई ट्रेंड बन गइल बा कि रउआ सफल नायक बने के बा त पहिले गायक बन के हिट होई तबे रउआ लीड फिल्म मिली अउरी सिनेमाघर में चली. हीरो त हीरो हीरोइनों लोग गावे लागल बा.
राजनीति में भी खूब चलल मनोज तिवारी के सिक्का
साल 2009 में मनोज तिवारी राजनीति में अइलें. अउरी साल 2014 में उत्तर – पूर्वी दिल्ली से भाजपा के ओर से चुनाव लड़लें आ जीत गइलें. फेर 2019 में ओही सीट से दुबारा चुनाव लड़लें. एहू बेरी उ रिकॉर्ड वोट से जीत गइलें. उनके दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष भी बनावल गइल रहे. उ भाजपा के स्टार प्रचारक भी हवें अउरी देशभर के चुनाव में उनके सभा होत रहेला. फिलहाल ऊ यूपी में भाजपा खातिर जोर शोर से प्रचार कर रहल बाड़ें. मनोज तिवारी के वाक्-शक्ति भी दमदार ह, जवन जनता के खींचे में उनके मदद करेला. चटपट गनों बना लेलें. मतलब आशु कवि भी हवें. भगवान उनकर बहुमुखी आ बहुआयामी प्रतिभा बनवले राखस, चमकवले राखस. 51वां जन्मदिन पर ढेर सारा शुभकामना!
(लेखक मनोज भावुक भोजपुरी साहित्य और सिनेमा के जानकार हैं.)
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