Home भोजपुरी मिडिल क्लास फैमिली से हैं Raksha Gupta, पिता हैं ऑटो ड्राइवर, जानें भोजपुरी में आना रहा कितना मुश्किल

मिडिल क्लास फैमिली से हैं Raksha Gupta, पिता हैं ऑटो ड्राइवर, जानें भोजपुरी में आना रहा कितना मुश्किल

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मिडिल क्लास फैमिली से हैं Raksha Gupta, पिता हैं ऑटो ड्राइवर, जानें भोजपुरी में आना रहा कितना मुश्किल

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भोजपुरी के जुबली स्टार दिनेश लाल यादव निरहुआ (Dinesh lal yadav Nirahua) के साथ फिल्म ‘ठीक है’ से करियर की शुरुआत करने वाली एक्ट्रेस रक्षा गुप्ता (Raksha Gupta) आज सिनेमा जगत में अपनी सफलता की सीढ़ियों को चढ़ रही हैं. उन्होंने खेसारी लाल यादव (Khesari lal yadav), प्रदीप पांडे चिंटू (Pradeep Pandey Chintu) और यश कुमार (Yash Kumar) जैसे स्टार्स के साथ काम किया है, लेकिन क्या आपको पता है, वो एक मिडिल क्लास फैमिली से ताल्लुक रखती हैं और उनके पिता ऑटो ड्राइवर हैं? आइए हम आपको बताते हैं उनके बारे में…

न्यूज 18 हिंदी से खास बातचीत में रक्षा गुप्ता ने अपने करियर के बारे में बताया, ‘मेरे लिए एक्टिंग में करियर की शुरुआत करना बड़ा ही मुश्किल रहा है. मेरे साथ घरवालों का काफी सपोर्ट रहा है. शुरुआत में तो मुझे पता नहीं था कि क्या कैसे करना है. मेरे सिर पर भगवान का हाथ ज्यादा रहा क्योंकि अपनी मेहनत करती गई और चीजें खुद ब खुद होती चली गईं. करियर शुरू करने से पहले मैंने थिएटर ज्वॉइन किया… क्योंकि मुझे नहीं पता था कि फिल्मों में जाने के लिए क्या करना होता है. लेकिन इतना जरूर पता था कि बिना सीखे कोई काम नहीं करना चाहिए. जब तक आप उस काम को सीख ना लें, देख ना लें तब तक उसे आपको नहीं करना चाहिए. मैंने एक्टिंग में करियर (Raksha Gupta career) शुरू करने से पहले दिल्ली में दो साल थिएटर किया है. इसके बाद मैं मुंबई आई तो मुझे कोई आइडिया नहीं था कि कैसे करना है मुझे’.

रक्षा आगे कहती हैं, ‘मैंने भोजपुरी में आने से पहले बैकग्राउंड डांसिंग भी की है. मैंने बहुत सारे फोटोशूट्स किए हैं. इतना ही नहीं साउथ फिल्मों में भी काम किया है. इसके बाद जाकर मुझे ये फिल्म मिली है. मुंबई आई तो बहुत स्ट्रगल किया है. हर दिन ऑडिशंस दिए हैं. ऑडिशंस के जरिए मैं लोगों से मिली. इसके साथ ही धीरे-धीरे ही काम करके यहां तक पहुंची हूं. भगवान का आशीर्वाद और इसे थोड़ा लक कहिए कि मैं यहां तक पहुंची हूं. बैकग्राउंड में काम करते करते मुझे दिनेश लाल यादव जी के साथ काम करने का मौका मिला. ये मेरे लिए बहुत बड़ी बात थी. हालांकि, वो फिल्म ‘ठीक है’ कोरोना की वजह से रिलीज भी नहीं हुई है.’

रक्षा गुप्ता संघर्षपूर्ण जीवन

मुंबई आई तो घरवालों से भी पैसे लेना कर दिया था बंद- रक्षा गुप्ता

एक्ट्रेस रक्षा गु्प्ता ने अपने संघर्षों (Raksha Gupta Struggling life) के बारे में बात करते हुए कहा, ‘जब मैंने थिएटर ज्वॉइन किया था तो बड़ी ही मुश्किल होती थी क्योंकि वो मेरे घर से काफी दूर था और जाने-आने का ट्रैवलिंग खर्च और घर में केवल पापा ही कमाने वाले थे और हम चार भाई-बहनों की पढ़ाई साथ ही घर के खर्च थे तो काफी मुश्किलें होती थीं, लेकिन मैंने साहस नहीं छोड़ा और पापा के सपोर्ट से मैं वहां हर दिन सीखने के लिए जाती थी. इसके बाद जब मैं मुंबई आई तो मैंने घर वालों से पैसे लेना बंद कर दिया था. यहां आने पर मैंने सोच लिया था कि जो करना है अपने आप करना है. इसलिए यहां आकर मैंने बैकग्राउंड डांसिंग किया. मैं 3-4 हजार पर डे पर भी काम करती रही. मैंने इस दौरान फोटोशूट भी खूब किए. डेली फोटोशूट करती थी ताकि मैं अपना खर्च चला सकूं और आगे काम कर सकूं. आज मुझे लोग मेरा काम देखकर मुझे काम दे दिया करते हैं.’

रक्षा गुप्ता संघर्षपूर्ण जीवन

बिहार में जन्मीं मगर दिल्ली में पली-बढ़ीं

रक्षा गुप्ता (Raksha Gupta Education) ने बताया, ‘मैं बिहार के मोतिहारी, पूर्वी चंपारण से हूं. लेकिन मेरी पढ़ाई लिखाई सबकुछ दिल्ली में हुई है. पापा परिवार के भरण पोषण के लिए दिल्ली में ऑटो चलाते थे इसलिए, बाद में हम सब यहां शिफ्ट हो गए थे. यहां मैं द्वारका में रही और यहीं के सरकारी स्कूल से मैंने अपनी सीनियर की पढ़ाई पूरी की. क्योंकि आर्थिक स्थिति इतनी ठीक नहीं थी, जिससे मैं किसी प्राइवेट स्कूल में जा सकती. चार भाई-बहनों की शिक्षा और घर का खर्च चलाना बड़ा ही मुश्किल होता था. मेरी छोटी बहन आज भी सरकारी स्कूल में पढ़ती है. 12वीं के बाद मुझे पढ़ाई में ज्यादा इंटरेस्ट नहीं था तो मैंने थिएटर ज्वॉइन कर लिया था और मैं थिएटर में ही ग्रैजुएशन हूं.’

रक्षा गुप्ता संघर्षपूर्ण जीवन

रक्षा गुप्ता ने बताया भोजपुरी को ही क्यों चुना?

इंटरव्यू के दौरान रक्षा गुप्ता से पूछा गया कि ‘उन्होंने केवल भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री को ही क्यों चुना क्योंकि यहां माना जाता है कि अश्लीलता परोसी जाती है और द्वीभाषिय शब्दों का प्रयोग किया जाता है.’ इसके जवाब में एक्ट्रेस ने कहा, ‘मुझे शुरुआत में नहीं पता था कि कहां और कैसे काम मिलेगा और मुझे भोजपुरी से ऑफर मिला तो सोच करके देखते हैं. क्योंकि मैं बिहार से ताल्लुक रखती हूं तो मैं भोजपुरी के काफी करीब भी हूं. इसलिए भी ये मुझे पसंद भी है. मुझे यहां पर अच्छी फिल्में मिलीं. मुझे नहीं लगता कि यहां अब तक कुछ गलत काम है. मेरी फिल्म ‘नसीहत’, जो कि पारिवारिक मूवी है. वो पूरे भारत में 5वें रैंक पर आई थी. इसमें मैं यश कुमार के साथ थी तो मुझे भगवान ने रास्ता दिखाया और मैं काम करते चलती रही. मैं भोजपुरी में अच्छा काम करने के लिए आई हूं और परिवार वालों को भी समझाती हूं कि अच्छा काम करूंगी और लोगों का इसके प्रति नजरिया बदलूंगी’.

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भोजपुरी में हीरोइनों को नहीं मिलता ज्यादा पैसा

रक्षा गुप्ता से इस दौरान पूछा गया, ‘क्या पिता जी आज भी ऑटो चलाते हैं? तो इस पर उन्होंने कहा, ‘भोजपुरी में इतना पैसा एक्ट्रेसेस को नहीं मिलता है कि वो आसानी से अपना घर चला सके. जितना पैसा मिलता है उतने में अगर एक हीरोइन अपना ही खर्च चला ले तो वो बहुत बड़ी बात है. अभी कुछ ज्यादा चीजें नहीं हुई हैं कि मैं पापा से कहूं कि नहीं पापा आप रहने दीजिए ऑटो चलाने के लिए मैं घर चला लूंगी. पर मैं चाहती हूं कि वो समय भी आए कि मैं पापा से कहूं कि पापा अब आप बैठिए और मैं अब सब कुछ देखूंगी’.

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