Home भोजपुरी न्याय व्यवस्था में जूरी सदस्य थे कल्लू के परदादा, 1951 में लड़े थे चुनाव, ऐसे परिवार से हैं एक्टर

न्याय व्यवस्था में जूरी सदस्य थे कल्लू के परदादा, 1951 में लड़े थे चुनाव, ऐसे परिवार से हैं एक्टर

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न्याय व्यवस्था में जूरी सदस्य थे कल्लू के परदादा, 1951 में लड़े थे चुनाव, ऐसे परिवार से हैं एक्टर

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भोजपुरी सिनेमा के जाने-माने एक्टर अरविंद अकेला कल्लू (Arvind Akela Kallu) छोटी उम्र में ही इंडस्ट्री में अपना सिक्का जमा चुके हैं. उनकी एक्टिंग और गायिकी को काफी पसंद किया जाता है. वो इंडस्ट्री के यंग स्टार हैं और लोगों के बीच उनकी पॉपुलैरिटी काफी जबरदस्त है. आज वो किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं. उन्होंने 9 साल की उम्र में करियर की शुरुआत कर दी थी. अक्सर कहा जाता है कि कल्लू गरीब परिवार से ताल्लुक रखते हैं. मगर इस बारे में बहुत कम लोग ही जानते होंगे कि एक्टर मजबूत परिवार से ताल्लुक रखते हैं. 1951 में हुए पहले आम चुनाव में उनके परदादा चुनाव तक लड़ चुके हैं. आइए जानते हैं उनके बारे में…

भोजपुरी स्टार अरविंद अकेला उर्फ कल्लू पिछले कुछ दिनों से अपनी शादी को लेकर सुर्खियों में बने हुए हैं. शादी के बाद वो पत्नी शिवानी पांडेय के साथ मैहर देवी के दर्शन करने के लिए पहुंचे थे. वो हनीमून पर ना जाकर परिवार के साथ मंदिर घूमने के लिए गए थे. ऐसे में आज हम आपको उनके फैमिली बैकग्राउंड के बारे में बता रहे हैं. वो इंडस्ट्री के आज एक सफल सिंगर और एक्टर हैं. कल्लू बिहार के बक्सर से ताल्लुक रखते हैं. उनके पास पैतृक गांव में भी बड़ा घर है. इसके साथ ही उनके पास वाराणसी से लेकर मुंबई में तक उनके पास आलीशान घर है. उनके पास वाराणसी में आलीशान कोठी है. कल्लू काफी लग्जरी लाइफ जीते हैं. उनके पास कार, बुलेट भी हैं.

1951 में चुनाव लड़ चुके कल्लू के परदादा
आपको बता दें कि अरविंद अकेला कल्लू कोई ऐसी वैसी फैमिली से ताल्लुक नहीं रखते हैं. वो बक्सर के बड़े चौबे परिवार से संबंध रखते हैं. इस बात को बहुत कम लोग ही जानते होंगे कि अपने समय में उनके परदादा स्व. मुनेश्वर चौबे न्याय व्यवस्था में जूरी सदस्य थे. इतना ही नहीं वो 1951 में हुए पहले आम चुनाव में विधानसभा चुनाव भी बक्सर से लड़ चुके हैं. हालांकि, उन्होंने बाद में अपना समर्थन कांग्रेस प्रत्याशी पंडित लक्ष्मीकांत त्रिवेदी को दे दिया था. वो उनके सहयोग से विजयी हुए थे.

पिता की थी रिक्शा बनाने की दुकान
वहीं, अरविंद अकेला कल्लू के पिता चुनमुन चौबे की बात की जाए तो वो स्टेज शो किया करते थे. वो नाटक के राइटर भी थे. साथ ही उनके पिता की रिक्शा बनाने की दुकान थी. कल्लू के पिताजी को एक्टिंग का काफी शौक था. वो सब चीजों से वक्त निकालकर स्टेज शोज किया करते थे. इसके साथ ही कल्लू को भी बचपन से ही सिंगिंग का काफी शौक था. वो पवन सिंह को अपना गुरु मानते थे और उनके गानों को सुनकर ही बड़े हुए हैं. आज वो सफलता की राह पर चल रहे हैं और बड़े स्टार्स में शुमार हैं.

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टैग: अरविंद अकेला कल्लू, भोजपुरी

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