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एक अच्छी फिल्म को बनाने के लिए केवल एक्टर और एक्ट्रेस की जरूरत नहीं होती है. उसके लिए कई लोगों की जरूरत पड़ती है. साथ ही बेहतरीन फिल्म के लिए एक अच्छे बजट का होना भी जरूरी है और इसके लिए एक ऐसे प्रोड्यूसर की जरूरत होती है, जो स्क्रिप्ट की सभी मांग को पूरा कर सके. फिर अगली भूमिका डायरेक्टर की होती है, जो अपने डायरेक्शन से मूवी में जान डालता है. एक फिल्म को हिट बनाने के लिए एक्टर और एक्ट्रेस से लेकर पर्द के पीछे बैठे टैक्निशियन, डायरेक्टर और प्रोड्यूसर तक सभी बहुत मेहनत करते हैं. इसी में से एक मेहनती एग्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर विजय प्रसाद हैं, जो कि खेसारी लाल यादव (Khesari lal yadav), निरहुआ (Dinesh lal yadav Nirahua) जैसे स्टार्स के साथ काम कर चुके हैं और अपनी बेहतरीन फिल्मों के लिए जाने जाते हैं.
हाल ही में गंगोत्री स्टूडियो प्रालि के बैनर तले बनी निर्माता एसएस रेड्डी और निर्देशक लालबाबू पंडित की भोजपुरी फिल्म फरिश्ता बनकर तैयार हो गई है, इसके पोस्टप्रोडक्शन का काम मुम्बई में शुरू हो चुका है. इसके एग्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर विजय प्रसाद हैं, जो मुम्बई में हीरो बनने आए थे, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. वो फिल्म में हीरो तो नहीं बन पाए लेकिन कई सफल फिल्मों का हिस्सा बन गए हैं. उन्होंने कहा कि ‘जब हम एक फिल्म का हिस्सा बनाते हैं तो उसका मुहूर्त से लेकर फिल्म रिलीज होने तक कि जिम्मेदारी हम उठाते हैं. फिल्म की लोकेशन पर हर चीज का ख्याल हमें रखना पड़ता है. वो चाहे हीरो या हीरोइन लेकर हो या स्पॉट बॉय की हम सभी को एक सूत्र में बांधकर चलते हैं.’
‘मेरी की कई किसी भी फिल्म में अभी तक किसी के भी द्वारा कोई शिकायत नहीं की गई है. यही कारण है कि आज हमें सभी अपनी फिल्मों में एग्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर रखते हैं. मैंने भोजपुरी इंडस्ट्री के साथ-साथ हिंदी फिल्मों में भी काम किया है. भोजपुरी में हमने लगभग सभी छोटे बड़े स्टारों को अपनी सेवाएं दी हैं’.
विजय ने खेसारी लाल यादव के साथ ‘राजा की आएगी बारात’ और ‘मंटुआ के नानी’ जैसी फिल्मों में बतौर ईपी काम किया है। उन्होंने सुब्बा राव गोसांग की सुनो ससुर जी, काशी विश्वनाथ, रितेश पांडे की कैसे तोहरा से प्यार हो गेल, दिनेश लाल यादव निरहुआ की देवता बनम बादशाह, अरविंद अकेला कल्लू की दुल्हा धेरे धरे चालिहया ससुररी गलियां, राज में भी अभिनय किया है। भोजपुरी इंडस्ट्री के उभरते सितारे विनोद यादव की ‘बाल और बलिदान’ कर्मपुत्र। उन्होंने मिथुन चक्रवर्ती, जैकी श्रॉफ, निर्देशक टीएल प्रसाद, सुरेंद्र वोहरा की बारिश, हिमांशु मलिक, मेघना नायडू और निर्माता विनोद बच्चन के साथ हिंदी फिल्में भी की हैं। वह सोनू सूद की ‘रॉक ना मीरा’ और रूपेश पॉल की कर्मा एक कन्या रक्षा में भी नजर आ चुके हैं। विजय की आने वाली परियोजनाएं वर्ल्डवाइड रिकॉर्ड्स, यश फिल्म्स, एसआरके म्यूजिक जैसी कंपनियों के साथ आ रही हैं। वह शाहरुख की ‘सिया के राम’ भी कर रहे हैं।
विजय प्रसाद मूलतः बिहार के रहने वाले हैं. इन दिनों मुंबई में रहकर प्रोड्क्शन की दुनिया में खूब नाम कमा रहे हैं. उनका मानना है कि कोई भी काम छोटा नहीं होता. बस लगन और मेहनत ही किसी भी काम को करने में सफलता का मार्ग प्रशस्त करती है. मैंने भी अपनी लाइफ में इसी चीज को फॉलो किया और आज यहां हूं.
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टैग: भोजपुरी, Bhojpuri Cinema
पहले प्रकाशित : 16 मई 2022, 12:47 IST
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